मासिक कार्तिगाई का पर्व क्या है और क्यों मनाते हैं इस पर्व को। कहां पर इस
पर्व को मानने का प्रचलन है और आखिर इस त्योहार को मानने के पीछे कि
क्या है मान्यता। इस माह 26 फरवरी रविवार 2023 को इस पर्व को मनाया
जाएगा। इस उत्सव को मासिक कार्तिगाई दीपम पर्व कहते हैं। आओ जानते हैं
इसके बारे में।
क्या है मासिक कार्तिगाई दीपम पर्व : दक्षिण भारत में प्रत्येक माह को मासिक
कार्तिगाई का व्रत रखा जाता है और दीप जलाकर भगवान कार्तिकेय और शिव
को प्रसन्न किया जाता है। उनकी विधिवत पूजा की जाती है। कार्तिकेय को
मरुगन भी कहते हैं। इस पर्व को ब्रह्मोत्सव के नाम से भी जाना जाता है।
क्यों मनाते हैं इस पर्व को : मान्यता है कि कार्तिगाई दीपम के दिन भगवान शिव
ने स्वयं को ज्योत रूप में परिवर्तित कर लिया था। इसीलिए कार्तिगाई दीपम पर
भगवान शिव के इसी ज्योति स्वरूप का पूजन किया जाता है। दरअसल, इस
पर्व के पीछे कि कहानी ये है कि जब ब्रह्मा और विष्णु के बीच श्रेष्ठता को लेकर
विवाद हुआ तो शिवने ज्योति स्तंभ रूप में प्रकट होकर दोनों से इसके प्रारंभ
और अंत को खोजने को कहा था। कार्तिगाई दीपम पर भगवान शिव के इसी
ज्योति स्वरूप का पूजन किया जाता है।
हर माह कब मनाते हैं यह पर्व : माह में जब भी कृतिका नक्षत्र आता है तब यह
पर्व मनाया जाता है। कृतिका नक्षत्र के नाम पर ही इसका नाम कार्तिगेय रखा
गया है।
इस पर्व को दीपावली की तरह मनाया जाता है। इस दिन तमिल हिंदू सूर्यास्त के
बाद अपने घरों की कोलम और दीपक से सजावट करते हैं। इसके बाद भगवान
शिव और उनके पुत्र भगवान मुरुगन की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं।
इस दिन अडाई, वडाई, अप्पम, नेल्लू पोरी और मुत्तई पोरी आदि जैसे खास
पकवान बनाकर दोनों देवताओं को अर्पित करते हैं।